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चारधाम में पशुपालन विभाग के दावे , अब केदारनाथ धाम रूट पर इतने जानवर ने गवाई अपनी जान , क्या है बेयजुबानो के लिए व्यवस्था

देहरादून

 

चारधाम में पशुपालन विभाग के दावे , अब केदारनाथ धाम रूट पर इतने जानवर ने गवाई अपनी जान , क्या है बेयजुबानो के लिए व्यवस्था

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 2024 आगाज हो चुका है। यात्रा को करीब 18 दिन बीत चुके हैं। जिसमें रिकॉर्ड तोड़ 12 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। लेकिन हर साल सैकड़ो घोड़े– खच्चर यात्रा के दौरान अपनी जान गवा देते हैं या भविष्य के लिए किसी कार्य लायक नहीं बचते। अब तक के आंकड़े की बात की जाए तो 20 घोड़े– खच्चरो ने अपनी जान केदारनाथ धाम रूट के दौरान गवा दी है। वही पशुपालन विभाग इस यात्रा में जानवरों के लिए बेहतर सुविधाएं देने का दावा जाता रहा है।

चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आय का मुख्य स्त्रोत है। इसको सफल बनाने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभाग अपना कार्य करते हैं। सरकार का यह भी लक्ष्य रहता है कि यात्री अत्यधिक चारों धर्मों के दर्शन करें ताकि अत्यधिक राजस्व उत्तराखंड को प्राप्त हो सके। इस बार सरकार की उम्मीद के अनुसार यात्री उत्तराखंड पहुंचे हैं जिससे यात्रा में यात्रियों के साधन के लिए जानवरों पर भी अधिक भार बड़ा है।लेकिन इस मौके का बेलगाम घोड़े और खतरों के मालिक चार धाम यात्रा में जानवरों का इस्तेमाल करते हैं ताकि वह बेहतर मुनाफा कमा सके। बेहतर मुनाफा पाने के लिए यात्रियों से ओवरचार्जिंग और घोड़े – खच्चरों को लगातार काम करने से जानवरों पर क्रूरता के मामले सामने आते है। आपको बता दे की केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग में लगातार चलते घोड़े खच्चर एक मुख्य परिवहन के साधन है। लेकिन इस बार पशुपालन विभाग ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए कई कड़े नियम, सुविधाएं और जानवरों की क्रूरता रोकने के लिए भी अत्यधिक प्रयास विभाग द्वारा किए गए।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सभी व्यवस्थाओं और जानवरों की क्रूरता को रोकने के लिए विभाग द्वारा बेहतर प्रयास की जानकारी दी।इस बार केदारनाथ धाम में घोड़ों की 8 हजार क्षमता रखी गई है। जिसमें विभाग ने यात्रा से पहले तैयारी करते हुए पंजीकरण और मेडिकल कैंप्स की व्यवस्थाएं चौकस की, इसके साथ चोटिल और अस्वस्थ घोड़े का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया, वही घोड़ा – खच्चरो का यात्रा के दौरान ऑडिट करने के लिए 40 सदस्यों की टास्क फोर्स का गठन किया गया । साथ ही बीते वर्ष से डॉक्टर की क्षमता को बढ़ाकर 7 कर दिया गया, इसके साथ 600 से 700 घोड़े के आराम करने के लिए नए टीन शेड और जानवरो के लिए गरम पानी की व्यवस्था रखी गई है ।

वही इस बार जानवरों के मालिक की ओवर चार्जिंग और बीते वर्ष क्रूरता की कई वीडियो सामने आने के बाद, इस बार पशुपालन विभाग ओर भी सख्त हो चुका है घोड़े – खच्चरो पर बार कोड लगाया गया है जिससे उनकी जानकारी प्राप्त हो सके साथ ही घोड़े के मालिकों को आईडी कार्ड भी बनाया गया है ताकि उनकी पहचान हो सके । जानवरो के मालिकों को टिकनेस का इंजेक्शन भी मुफ्त में दिया गया है ताकि चोटिल जानवरों को समय पर उचित इलाज दिया जा सके। वही अभी तक ओवर चार्जिंग और क्रूरता के मामले में दो मुकदमे और 3 से अधिक चालान काटे जा चुके हैं।

पशुपालन मंत्री ने बताया साल भर साल चार धाम यात्रा भव्य और दिव्या हो रही है। जिससे साफ तौर पर केदारनाथ धाम में यात्रियों की सुविधाओं के लिए जानवरों पर दबाव बन रहा है। आने वाले समय में अगर जरूरत पड़ेगी तो घोड़े– खच्चरों की 8 हजार नियमत सीमा को ओर भी बढ़ाया जाएगा। इसके साथ विभाग की यही प्राथमिकता है कि कोई भी व्यक्ति जानवरों के साथ क्रूरता ना करें और बीते वर्ष से इस बार जानवरों की मौत का आंकड़ा कम हो।

इस बार केदारनाथ यात्रा में 27 लोग अपनी जान गवा चुके हैं जो घोड़े के आंकड़ों से भी अधिक है। वही 2023 में 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में 16 दिनों में 16 घोड़े– खच्चरों की मृत्यु हुई थी । यह सब आंकड़े चौंकाने वाले हैं लेकिन पशुपालन विभाग के तमाम इंतजाम पुख्ता है यह यात्रा के अंत में साबित होगा फिलहाल बीते वर्ष से अब तक घोड़े के अकड़े बराबर है।

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